इचाक
अभिषेक कुमार
प्रखंड के पुराना इचाक पंचायत अंतर्गत ग्राम बंदुवा स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को मिल रहे मध्यान भोजन में अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है। जिसे लेकर मुखिया किरण देवी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर कार्यवाई करने का अपील की है। दिए गए आवेदन में कहा है की बच्चों को मिलने वाला मिड डे मील मीनू के अनुसार नहीं दिया जाता। वही 20 बच्चों के भोजन के नाम पर 5 बच्चों का भोजन बनाया जा रहा है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने की थी। तत्परता के साथ सोमवार को विद्यालय का निरीक्षण करने गई तो कई अनियमितता पाया गया। इस संबंध में प्रधानाध्यापिका से पूछताछ करने पर उसका जवाब संतोषजनक नहीं मिला। बच्चों से पूछताछ करने पर बताया कि उन्हें पौष्टिक आहार के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता एवं मिड डे मील में बनने वाला भोजन की गुणवत्ता शून्य के बराबर रहता है। हालांकि प्रधानाध्यापिका ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि विद्यालय को कई माह से मिड डे मील में मिलने वाला पोस्टिक आहार का पैसा नहीं मिल रहा है। जिसके कारण ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है। पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए पुराना इचाक की मुखिया किरण देवी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी रिंकू कुमारी को आवेदन देकर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
मिड डे मील योजना का उद्देश्य
हमारे देश में कई ऐसे छात्र हैं जो सरकारी स्कूलों से मध्याह्न भोजन प्राप्त करते है, इस मिड डे मील योजना के माध्यम से उन सभी छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान किया जाएगा जो आर्थिकक रूप से कमज़ोर है और जिनके परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में कई छात्रों को एक वक्त का भोजन मिलने से अभिभावकों के घर का राशन बचाया जा सकता है, और इस Mid Day Meal Yojana को केंद्र सरकार ने शुरू किया है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू करने के पीछे इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की देश में पढ़ने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के माता-पिता को राशन किट प्रदान की जाएगी।
मिड डे मील योजना का बजट
केंद्र सरकार की मिड डे मील योजना है और इसे पूरे देश में लागू किया गया है, इसलिए इसका बजट भी बहुत बड़ा रखा गया है। सरकार ने इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए मिड डे मील योजना का बजट भी बढ़ा दिया है और अब खाने में हरी सब्जियों को भी शामिल कर लिया गया है। इससे पहले सरकार के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की थाली की कीमत 3.11 रखी गई थी, जिसे जुलाई से बढ़ाकर 4.65 कर दिया गया है और इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों के लिए थाली अनिवार्य कर दी है, इस बजट के तहत हरी सब्जियां रखने के भी आदेश जारी किए गए हैं।
मिड डे मील योजना के नियम
इस योजना के तहत सरकार के माध्यम से जारी दिशानिर्देशों में हम सिर्फ उन्ही दिशानिर्देशों के बारे में बताएगे जो आपको एक आवश्यक रूप से ज़रूरी है।
एमडीएम दिशानिर्देश के अनुसार, बच्चों को परोसे जाने से पहले कम से कम एक शिक्षक सहित 2-3 वयस्कों को मध्याह्न भोजन का स्वाद चखना होगा।
मिड डे मील योजना के दिशानिर्देश हर एक बच्चा जो प्राथमिक विद्यालय में पढता है, उसको एक दिन में 3. 86 पैसे दाल, चावल, फल, मिठाई, गैस सबकुछ मिलाकर खर्च करना होगा, और जो उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढता है उस पर रूपये 5.78 खर्च करना होगा।
इस योजना के तहत जारी खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर दिशानिर्देशों के अनुसार, परोसने से ठीक पहले एक शिक्षक द्वारा भोजन का स्वाद चखना अनिवार्य है। जिसका रिकॉर्ड रखा जाना है। इसके अलावा, एसएमसी सदस्य को भी शिक्षक के साथ रोटेशन के आधार पर भोजन का स्वाद लेना होगा।
एक शिक्षक के चखने के अलावा, कम से कम एक माता-पिता और दो जो एसएमसी सदस्य हो सकते हैं या नहीं हो सकते हैं, छात्रों को भोजन परोसने के दौरान उपस्थित होना चाहिए ताकि वे भोजन का स्वाद चख सकें और साथ ही बच्चों की संख्या को प्रमाणित कर सकें।
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