पागल बना स्वच्छ भारत मिशन का हीरों

 जमाना जिसे देख हँसता रहा, वही पागल जमाने को स्वच्छता का मकसद सीखा रहा


30 वर्षों से स्वच्छता अभियान चला रहा मानसिक विक्षिप्त जगरनाथ 


अभिषेक कुमार

इचाक

जमाना जिसे पागल के रूप में देखते रहा उसी पागल ने स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में कोई कसर नही छोड़ रहा।आज महात्मा गाँधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर देश में स्वच्छता पर बल दिया जा रहा वहीं दूसरी ओर इस सपनें को साकार करने की कड़ी को निखाराने का नजारा एक विक्षिप्त के जरिए वर्षों से  देखा जा रहा है। बताते चले की प्रखण्ड के हदारी निवासी 60 वर्षिय जगरनाथ राम मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के बावजूद लगभग 30 वर्षों से सफ़ाई कर स्वच्छता का सबब दिखा रहे। विक्षिप्त जगरनाथ के दो पुत्र और एक बेटी हैं। पिता क्षेत्र में सफ़ाई कर रहा वहीं एक पुत्र सेना में रहकर देश का सेवा कर रहा है। जानकार बताते हैं कि जगरनाथ अपने स्कूली पढ़ाई के दौरान ही मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया था। जिसके बाद उसके परिजनों ने उसका इलाज करवाने की कोशिश भी करी तथा राँची स्थित कांके के विक्षिप्तखाना में भी वर्षों तक रखा। उसके बाद स्थिति को देखते हुए पुनः अपने घर ईचाक ले आया गया। अपने गाँव आने के बाद से ही विक्षिप्त जगरनाथ राम स्वच्छता सेवा में लगा हुआ है। प्रतिदिन सुबह घर से निकल कर हदारी, इचाकमोड़, एन एच 33 के अलावा आसपास के क्षेत्रों में गंदगी को साफ करते नजर आ जाते हैं। कचड़े और झाडियों को इकट्ठा कर उसे जला कर नष्ट कर देना इसके मन को भाता है।

 परिजन उनके लिए अलग से खाना और सोने का सुरक्षित व्यवस्था कर रखा है। प्रतिदिन रूटीन की तरह खाना खा कर वह अपने  स्वच्छता अभियान में लग जाता हैं। आज भले ही जमाना इसे एक विक्षिप्त के रूप में देख रहा है लेकिन यही पागल से क्षेत्र वासियों को स्वच्छता का सलीका सिखने की जरूरत है। कचड़े और झाडियों को नापसंद करने वाला यह वृद्ध स्वच्छता का असली हीरो हैं।

सरकार के आदेश बाद भी खुल रहे इचाक के कई निजी स्कूल

@आदेश ना मानने वाले विद्यालय प्रभारी पर होगा मामला दर्ज - बीडीओ अभिषेक कुमार 🖋️ इचाक। झारखंड में हीट वेव के कारण लोगों का जीवन अस्त-...