अधिकारियों ने भूमाफिया को बेच दिया जीएम खाते का हिरण पोखर

 सीओ और ऐसी ने बेच दिया जीएम खाते का हिरण पोखर 


मामला की जांच कर नियम संगत कार्यवाई करेंगे- आयुक्त 


इचाक के हिरण पोखर को भरकर किया जा रहा भवन निर्माण  


डाक्टर आनन्द शाही ने मुख्यमंत्री को पत्र देकर किया जांच की मांग 


हजारीबाग/इचाक 


अभिषेक कुमार 


हजारीबाग जिला अंतर्गत ईचाक प्रखण्ड का एतिहासिक तालाब को भरकर भवन निर्माण कराने का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में डाक्टर शाही ने बताया कि इचाक अंचल के मौजा धरमु खाता 132 प्लाट 155 पर गैर मजरूवा सार्वजनिक तालाब हैं। जिसका उपयोग राजा के समय से होते आया। उस तालाब को भरना क्षेत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है। एक ओर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश जारी हैं की किसी भी जल स्रोत को भरना गैर कानूनी है. वहीं दूसरी ओर हिरण पोखर को भरकर भवन निर्माण किया जाना न्यायालय को चैलेंज हैं। 






उन्होंने कहा कि उक्त खाता व प्लाट की भूमि पूर्ण रूप से सरकार की हैं, लेकिन सरकारी कर्मी और भूमाफिया की मिली भगत से सरकारी संपति को हड़पने की कोशिश की जा रही है। झारखण्ड सरकार और उनके सचिव को ज्ञापन देकर सरकारी संपति को हड़पने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयीं हैं। हिरण पोखर इचाक का एतिहासिक धरोहरों में जाना जाता था जिसे भूमाफिया जमीनदोज कर रहें। उन्होंने कहा कि तालाब को बचाने के उद्देश्य से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जब इचाक अंचल और अपर समाहर्ता कार्यालय से सूचना मांगी गई तो गलत व अपुष्ट सूचना दी गयी, जिसमें यह भी लिखा की पूर्व में तालाब था की नही यह अंचलाधिकारी को नही पता हैं। जबकि खतियान और अन्य प्लाट की चौहदी में हिरण पोखर दर्ज है।

दी गयी जानकारी में यह भी बताया गया हैं कि न्यायालय अपर समाहर्ता द्वारा यथावत जमाबंदी कायम का आदेश दिया गया है, लेकिन उक्त खाते का पोखर को किसने गलत तरीके से जमाबंदी किया ये ना तो अंचलाधिकारी को पता हैं और ना ही अपर समाहर्ता को। अब यह सवाल उठता है कि बिना दस्तावेजों का और अधिकारियों की जानकारी के बिना पोखर के पेपर की हेराफेरी किसने की और तालाब को भरने का आदेश किसने दिया। हालांकि यह बता दे की इचाक अंचल से अबतक कई बार पंजी टू समेत अन्य आवश्यक कागजातों की चोरी प्रखण्ड मुख्यालय से हो चुकी हैं। इधर मामला के प्रकाश में आते ही सदर अनुमण्डल पदाधिकारी सक्रिय दिखें और तत्काल तालाब को भरकर किये जा रहे भवन निर्माण कार्य को रुकवाने का निर्देश दिया। जिसके बाद एस आई अभिषेक कुमार सिंह, राधेश्याम कुमार, अभय कुमार, एएसआई साकेश सिंह पुलिस बल के साथ कार्यस्थल पर पहुंच काम को रुकवा दिया।

इस कार्यवाई से ग्रामीणों ने एसडीओ और पुलिस का आभार व्यक्त किया है।




कमिश्नर जाॅन लकड़ा ने कहा कि मामला को गंभीरता से लिया जाएगा क्योंकि सरकारी तालाब का जमाबंदी कैसे हो सकता है। नियम के विरूद्ध काम करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लाॅक डाउन के कारण दस्तावेज को नही देख पाया हूँ, कागजात मेरे कार्यालय में आते ही कार्यवाई करूंगा।

मामला को लेकर जब एडिशनल कलेक्टर से संपर्क किया गया तो खुद को व्यसत बता कर कुछ कहने से बचते रहे।

 क्या कहते है सीओ

सीओ मनोज कुमार महथा ने बताया कि मामला की जांच कर जिला को रिपोर्ट कर दिया गया है।

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