इको सेंसेटिव जोन संघर्ष समिति की बैठक में बनी रणनीति, सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे प्रभावित ग्रामीण

केंद्रीय सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए आंदोलन करेंगे प्रभावित गांव के ग्रामीण
अभिषेक कुमार
इचाक इको सेंसेटिव जोन संघर्ष समिति की बैठक मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड सभागार परिसर में हुई । जिसकी अध्यक्षता उप प्रमुख सत्येंद्र कुमार मेहता व संचालन भागवत प्रसाद मेहता ने किया। बैठक में वन विभाग और झारखंड सरकार द्वारा इको सेंसेटिव जोन के क्षेत्रफल का बढ़ाया गया दायरा पर आपत्ति एवं सेंसेटीव जोन के दायरे में आने वाले गांव के ग्रामीणों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं के निराकरण को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता, पूर्वी जिप सदस्या रेणु देवी समेत19 पंचायतो के मुखिया गण, पंचायत समिति सदस्यो एवं जनप्रतिनिधि के बीच परिचर्चा किया गया। जिसमें उच्च न्यायालय में दायर पीएलआई में सुनवाई के बाद डिस्पोज किए जाने के बाद अन्य पीएलआई मामले को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पर सहमति बनी। साथ ही कोष संग्रह पर व्यापक चर्चा हुई। जिसमें सभी जनप्रतिनिधियों से अपील किया गया कि अपने अपने क्षेत्र के जनता को इको सेंसेटिव से होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक करें। ताकि आने वाले समय मे ग्रामीणों को इस कानून से मुक्ती मिल सके। सभी पंचायत मुखिया पंचायत समिति एवं उप मुखिया संयुक्त रूप से माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पीआईएल दर्ज करने को लेकर पूरे प्रखंड में कमेटी बनाकर कोष संग्रह करने की बात कही। वहीं स्वेच्छा से कोष संग्रह में योगदान दिया। 15 दिनों के अंदर माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे पीआईएल दर्ज करने का निर्णय लिया गया। जिसके उपरांत सरकार द्वारा बनाए गए काला कानून के विरोध में 218 गांव के लोग अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। बैठक में इको सेंसेटिव जोन के सचिव राजेश मेहता, मुख्य सलाहकार राजेश गुप्ता, मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष रंजीत मेहता, प्रखंड विश्व सूत्री अध्यक्ष मनोहर राम, प्रमुख पति सिकंदर राम, पूर्व उप प्रमुख चन्द्रदेव मेहता, मुखिया चोहन मेहता , उमेश मेहता, सिकंदर राम, अशोक राम, नंदू मेहता, निशु कुमारी, समाजसेवी रविशंकर उर्फ भोला, पंचायत समिति लीलावती देवी, रेणु देवी, छात्रधारी मेहता, संतोष मेहता, महेंद्र पांडे, छोटन मेहता, राजेश प्रसाद मेहता , उमेश प्रसाद,बसंत मेहता , मुरली प्रसाद, अशोक मेहता, चंदन मेहता धीरू रजक के अलावा बड़ी संख्या में संघर्ष समिति के लोग शामिल थे।

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