आजादी के कई दशक बाद विधायक के पहल पर जगी आस

साढ़े तीन करोड़ की लागत से होगा सिवाने पूल का निर्माण
इचाक
अभिषेक कुमार
आजादी के कई दशक बाद भी प्रखंड के कई ऐसे गांव आज भी सड़क विहीन है जिसके कारण ग्रामीणों को कई समस्याएं झेलनी पड़ रही है। ऐसी परिस्थिति में बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव के अथक प्रयास के बाद कारीमाटी से जगदीशपुर को जोड़ने वाली सड़क के बीच पड़ने वाले शिवाने नदी में साढ़े तीन करोड़ से भी अधिक लागत की राशि से पुल निर्माण कराने का रास्ता तय हो गया है। बता दें कि जगदीशपुर गांव इचाक का अभिन्न अंग माना जाता है, क्योंकि इचाक से जगदीश पुर, शेखा, बड़ासी समेत कनहरी हिल फोरलेन एनएच 33 दूसरी ओर से अमृत नगर एनएच 100 को यह रास्ता जोड़ती है। इस रास्ते के बीच सेवाने नदी में पुल नही होने के कारण लोगो को करीब 22 किलोमीटर का अधिक सफर तय करना पड़ता है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियां का सामना करना पड़ता था। जिसमे सबसे बड़ी परेशानी कृषकों को होती थी। लंबी सफर तय कर पाना इनलोग के लिए दुर्लभ होता था। मजबूरी में इसी संकट के बीच सफर करने पर बरसात के समय में कई बार बड़ी घटना भी घट चुकी है। इन्ही सभी परेशानियों से निजात दिलाने को लेकर विधायक अमित कुमार यादव मुखर दिखे। जिनके सार्थक प्रयास के बाद पुल निर्माण का सपना पूरा होने जा रहा है। इस पुल के निर्माण से इचाक प्रखण्ड को सदर प्रखंड जोड़ने वाली यह सड़क काफी नजदीक और आसान हो जाएगा। पुल का निर्माण से 22 किलो मीटर की दूरी का फासला 10 किलो मीटर में सिमट जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि बरसात के दिनों में जो घटनाएं घटती थी, उस पर काबू पाया जा सकेगा। विधायक अमित यादव ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए यह पुल का निर्माण करवाया जा रहा है। पुल का निर्माण विशेष प्रमंडल ग्रामीण विकास विभाग से करवाया जाएगा। अभी इसकी प्रक्रिया चालू कर दी गई है। जिसे लेकर सॉयल टेस्ट किया जा रहा है। जल्द ही निर्माण कार्य भी किया जाएगा। जनहित में ग्रामीणों के सपना को पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं। कृषि प्रधान क्षेत्र रहने के कारण कृषकों के लिए 22 किलोमीटर का दूरी तय करना चुनौती भरा होता था। साथ ही ग्रामीणों द्वारा जान जोखिम में डाल कर यह सड़क पार करते थे जिससे बहुत जल्द ही निजात मिलने वाला है। क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत हूं।
पूल निर्माण की आस से ग्रामीणों के चेहरे पर दिखी मुस्कुराहट
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" शिवाने पुल के निर्माण की सुगबुगाहट पर कृषक और ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कुराहट जाग उठी है। या सड़क और पूल महज एक सपना सा था जिसे पूरी इसे पूरा करने में सरकार को आजादी के 75 वर्ष बीत गए। विभिन्न गांव को जोड़ने वाला या सड़क कई बार मुद्दा बनकर उभरा लेकिन अंततः स्थानीय विधायक ने ग्रामीणों के दर्द को समझ कर इसके निवारण के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया। किसान मुखी मेहता बताते हैं कि बीज को लाने या फसल को बाजार तक पहुंचाने के लिए हम लोगों को 22 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता था, जरूरी पड़ने पर जान जोखिम में डाल इसी नदी को पार करना हमसबो के लिए मजबूरी था , जिसमे कई बार दुर्घटना भी हो गई। जबकि यह सड़क बन जाने से दूरी तो कम होगा ही साथ ही बाजार तक आने - जाने तथा एक गांव से दूसरे गांव तक पहुंचने में काफी कम समय और संसाधन के बीच सफल जीवन बीतेगा।

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