झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा अधीक्षक के खिलाफ जताया आपत्ति, सौंपा ज्ञापन

झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा अधीक्षक के खिलाफ जताया आपत्ति
हजारीबाग अभिषेक कुमार। झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, हजारीबाग इकाई के अध्यक्ष मो अतिकुज्जमा द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी, हजारीबाग पर आपत्तियाँ दर्ज करते हुए उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला स्थापना समिति, हजारीबाग को ज्ञापन सौंपकर विसंगतियों को दूर करने का अनुरोध किया है। दिए गए ज्ञापन में कहा है की जिन मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित किया गया उनमें से अधिकांश विद्यालय वर्ग 1 से 8 तक मध्य विद्यालय के रूप में तथा वर्ग 9 से 10 या 12 उच्च विद्यालय के रूप में कार्य कर रहे हैं। जिनके नियोक्ता क्रमशः जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं। ऐसी स्थिति में वर्ग 1 से 10 या 12 तक PTR की गणना उच्च विद्यालयों के निर्धारित मानक के अनुरूप करना न्यायसंगत नहीं है। कई प्रखण्डों में स्थित विद्यालयों में अलग -अलग परिसर में वर्ग 1 से 8 तक कक्षाएं संचालित हैं।दोनों परिसरों के मध्य कई स्थानों पर एक किलो मीटर से भी ज्यादा दूरी है। यथा - पदमा प्रखण्ड के चंपाडीह विद्यालय ,टाटीझरिया प्रखण्ड के खैरा -कर्मा विद्यालय,सदर प्रखण्ड के बभनबै विद्यालय,दारू प्रखंड के दिगवार, चुरचू प्रखंड के आंगो ,प्रखंड मुख्यालय स्थित चुरचू सहित अनेकों विद्यालयों में मध्य तथा उत्क्रमित उच्च विद्यालय निरंतर अलग -अलग संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में दोनों को एक इकाई मानना न्यायसंगत नहीं है। जिस किसी भी विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक का शिक्षण कार्य होता है वहाँ निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार 2009 के नियम प्रभावी हैं और न्यूनतम छात्र-शिक्षक अनुपात की गणना इसकी धारा 19 एवं 25 के अनुरूप की जानी चाहिए और यह बाध्यकारी भी है, उल्लेखित नियमानुसार वर्ग 1से 5 में प्रत्येक 30 पर एक शिक्षक एवं 6 से 8 में प्रत्येक 35 पर एक शिक्षक आवश्यकता है,यह उच्च विद्यालयों के लिए भी बाध्यकारी है जहाँ 1से 8 तक की भी कक्षाएं संचालित की जाती है। पूर्व में इस प्रावधान को सुनिश्चित किया जाता रहा है कि किसी भी सरकारी विद्यालय में न्यूनतम 01 सरकारी शिक्षक अवश्य हों पर अगर वर्तमान यूक्तिकरण की सूची का अनुपालन किया गया तो जिले के लगभग 92 विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन हो जाएंगे। ----------------------------------- अनेकों विद्यालयों का प्रकाशित सूची में कार्यरत शिक्षकों की संख्या, छात्रों की संख्या, शिक्षकों का वर्तमान विद्यालय में योगदान आदि विवरण गलत अंकित है। उदाहरण के लिए सदर प्रखण्ड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय बभनबे में 6 सरकारी शिक्षक और 2 सहायक अध्यापक(पारा शिक्षक)अर्थात कुल 8 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि सूची में 10 शिक्षक कार्यरत बताए जा रहे हैं। उत्क्रमित मध्य विद्यालय कालाद्वार ईचाक, में सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक)की वास्तविक संख्या 1 के विरुद्ध 2 शिक्षक (पारा)अंकित है। इसी प्रकार ईचाक प्रखंड के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय मंगुरा (हिन्दी) में वास्तविक छात्र संख्या 332 के विरुद्ध सूची में 315 अंकित है । जितने भी सरकारी शिक्षक हैं वे स्वीकृत बल के विरुद्ध कार्यरत हैं। जैसे कटकमसांडी प्रखंड के पबरा में माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों के विरुद्ध छात्र संख्या 309 (9 से 10) है जबकि मध्य विद्यालय में स्वीकृत बल 8 और कार्यरत बल भी 8 है और छात्रों की संख्या 453 है । सहायक अध्यापकों (पारा) की नियुक्ति छात्र संख्या के आधार पर झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग द्वारा किया गया है। अतः या तो सहायक अध्यापकों को PTR की गणना से बाहर रखा जाए या फिर इनके समंजन का प्रयास किया जाए। इसके अलावे यदि छात्र-शिक्षक अनुपात की यह विषम परिस्थिति है तो जिले में 1से 5 के लिए 436 और 6 से 8 के लिए 548 पद सृजन का औचित्य समझ से परे है। छात्र हित में उपरोक्त विसंगतियों को दूर करना अत्यंत आवश्यक है।पत्र के माध्यम शिक्षा मंत्री, झारखंड सरकार ,शिक्षा सचिव ,झारखंड सरकार ,माध्यमिक शिक्षा, शिक्षा सचिव, झारखण्ड सरकार( प्रारंभिक शिक्षा ) ,आयुक्त ,उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग ,क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग को भी उक्त विसंगतियों को दूर करने हेतु अनुरोध किया है।

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