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पंचायत चुनाव की जल्द बजने वाली है डुगडुगी
झारखंड में पंचायत चुनाव को लेकर जल्द बजने वाली है डुगडुगी, निर्वाचन आयोग ने जारी किए चुनाव चिह्न
रांची:
झारखंड निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस कड़ी में आयोग ने चुनाव चिह्न आवंटन आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत प्रत्येक पदों के लिए स्वतंत्र चुनाव चिह्न तय किए गए हैं। ये चिह्न ऐसे हैं, जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किसी निबंधित या मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य दल को आवंटित नहीं हैं। पंचायत चुनाव में चूड़ियां से लेकर कान की बालियां तथा नेल कटर से लेकर पेंसिल शार्पनर आदि तक चुनाव चिह्न अभ्यर्थियों को आवंटित किए जाएंगे।
जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों के अलावा ग्राम पंचायत के मुखिया और ग्राम पंचायत के सदस्यों के निर्वाचन के लिए प्रत्येक श्रेणी में 24-24 स्वतंत्र चुनाव चिह्न तय किए गए हैं, जो अभ्यर्थियों को वर्णमाला के अनुसार आवंटित किए जाएंगे। 24 चुनाव चिह्न सुरक्षित रखे गए हैं, जो जरूरत पड़ने पर सभी पदों के चुनाव के लिए आवंटित किए जा सकेंगे।
जिला परिषद के सदस्यों के निर्वाचन के लिए चुनाव चिह्न।
एयर कंडीशनर, आटो रिक्शा, चूड़ियां, चपाती रोलर, चिमनी, नारियल फार्म, बैटरी टार्च, कंप्यूटर माउस, बेंच, घन, बिस्कुट, हीरा, बक्सा, डोली, ईंटें, ड्रिल मशीन, बाल्टी, बिजली का खंभा, कैमरा, बांसुरी, कारपेट, फव्वारा, सीसीटीवी कैमरा, कीप।
पंचायत समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए चुनाव चिह्न।
अलमारी, चप्पल, बेबी वाकर, चिमटी, बल्ला, कलर ट्रे और ब्रुश, मोतियों के हार, चारपाई, साइकिल पंप, कप और प्लेट, ब्लैक बोर्ड, डीजल पंप, डबल रोटी, द्वार घंटी, ब्रीफकेस, डंबल्स, केक, लिफाफा, कैन, फुटबाल, कैरम बोर्ड, फ्राक, जंजीर, गन्ना किसान।
*ग्राम पंचायत के मुखिया पद के निर्वाचन के लिए चुनाव चिह्न।*
सेब, शतरंज बोर्ड, गुब्बारा, कोट, बल्लेबाज, कंप्यूटर, बेल्ट, क्रेन, दूरबीन, कटिंग प्लायर, आदमी व पाल युक्त नौका, डिश एंटिना, ब्रेड टोस्टर, दरवाजे का हैंडल, ब्रुश, कान की बालियां, कैलकुलेटर, एक्सटेंशन बोर्ड, शिमला मिर्च, फुटबाल खिलाड़ी, फूलगोभी, फ्राइंग पैन, चक्की, गैस सिलेंडर।
*ग्राम पंचायत के सदस्यों के निर्वाचन के लिए चुनाव चिह्न।*
गैस चूल्हा, कड़ाही, कांच का गिलास, नाशपाती, हरी मिर्च, कलम की निब सात किरणों के साथ, टोप, पेंसिल शार्पनर, हेलमेट, पेट्रोल पंप, आइसक्रीम, अनानास, कटहल, प्लेट स्टैंड, भिंडी, पंचिंग मशीन, कुंडी, अंगूठी, लूडो, रूम कूलर, माचिस की डिब्बी, सेफ्टी पिन, नेल कटर, कैंची
सुरक्षित चुनाव चिह्न (सभी पदों के लिए)।
उपहार, पैंट, ग्रामोफोन, मटर, हाथ गाड़ी, पेन-स्टैंड, हेडफोन, पेंडुलम, हाकी और बाल, फोन चार्जर, पानी गर्म करने का राड, करनी, केतली, हांडी, लेडी पर्स, रेजर, लेटर बाक्स, रोड रोलर, लंच बाक्स, रूम हीटर, माइक, आरी, गले की टाई, सिलाई की मशीन।
भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए आज का दिन बहुत है खास
विश्व में भारतीय धर्म और संस्कृति का छाप
शिकागो में स्वामी विवेकानंद:
11 सितंबर 1893 को शिकागो में जब आयोजित विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने भारतीय संस्कृति और दर्शन की विशिष्टता रखते हुए ऐसी छाप छोड़ी, जिसके बाद पूरा विश्व भारतीय संस्कृति को लोहा माना। उन्होंने अपने व्याख्यान में धर्म और राष्ट्र की व्याख्या करते हुए कहा ‘मुझे गर्व है कि मैं ऐसे धर्म से संबंध रखता हूं, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाया है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे राष्ट्र से हूं, जिसने सभी धर्म और सभी देशों के शरणार्थियों को शरण दी।’
11 सितंबर से 27 सितंबर तक 17 दिनों चलने वाले विश्व धर्म महासभा में गेरुआ वस्त्रधारी 25 वर्षीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद ने छह व्याख्यान दिये। उनमें शून्य पर दिया गया उनका व्याख्यान सुनकर पूरी दुनिया हैरान थी। उन्होंने धर्म के असली स्वरूप को पहचानने की जरूरत बताते हुए आगाह किया कि धर्म के नाम पर दुनिया में सबसे अधिक रक्तपात हुआ। कट्टरता और सांप्रदायिकता को उन्होंने मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। उन्होंने कह सहनशीलता का विचार पूरब के देशों से आया और दुनिया में फैला। उन्होंने धर्मसभा की महत्ता बताते हुए गीता के उपदेश का उल्लेख किया- जो भी मुझ तक आता है, चाहे वह कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं। लोग अलग-अलग रास्ते चुनते हैं, परेशानियां उठाते हैं लेकिन आखिर में मुझ तक पहुंचते हैं।
सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वे कुछ सप्ताह पहले ही वहां पहुंच गए थे। 31 मई 1893 को मुंबई से विदेश यात्रा की शुरुआत करते हुए वे जापान पहुंचे। जापान में नागासाकी, कोबे, योकोहामा, ओसाका, क्योटो और टोक्यो का दौरा किया। इसके बाद चीन और कनाडा होते हुए अमेरिका के शिकागो शहर पहुंचे। अमेरिका की सर्दी सहन करने के लिए स्वामी जी के पास पर्याप्त कपड़े नहीं थे और न ही सुविधाएं जुटाने के लिए धनराशि। काफी कठिन परिस्थितियों में उन्होंने वह समय गुजारा लेकिन जैसे ही उन्होंने धर्मसभा में अपने विचार रखे, सभी को अहसास हो गया कि विचार के रूप में भारत के पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है।
अन्नपूर्णा देवी ने इचाक क्षेत्र का किया भ्रमण
अन्नपूर्णा देवी ने बुढ़िया मंदिर में टेका माथा, इचाक क्षेत्र का भ्रमण कर जन समस्याओं से हुई रूबरू
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करना हमारी पहली प्राथमिकता - अन्नपूर्णा कोडरमा सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने गुरुवार को इचाक के प्रसिद्ध स्थल बुढ़िया माता मंदिर और संकट मोचन हनुमान मंदिर पूनाई में पूजा अर्चना कर सर्व मंगल कामना की प्रार्थना की। सर्वप्रथम कार्यकर्ताओं ने इचाक मोड़ में उनका भव्य स्वागत किया। बुढ़िया मंदिर में पूजा करने के बाद इचाक बाजार होते हुए विधायक कार्यालय पास लोगो से गुलदस्ता स्वीकार किया।उसके बाद खुटरा, बरका, दरिया, के जर्जर पथ से गुजरते हुए ग्रामीणों की बदहाल स्थिति से रूबरू हुई। दरिया चौक में ग्रामीणों को संबोधित किया। जिसके बाद चंदा में शहीद रघुबीर प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर करियातपुर में रुक कर जन समस्याओं को सुनी। इस दौरान एनएच33 नगवां से खैरा भाया, साडम इचाक बाजार होते हुए डाढा पथ का निर्माण एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा ग्राम गरडीह में बिजली चालू करवाने, फुफंदी से सीमरातरी एवं तुरी तक पक्की सड़क निर्माण, फुफंदी में उप स्वास्थ्य केन्द्र खुलवाने तथा रैयतों का पंजी टू में ऑनलाइन नही हो पाने की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री ने पूरे प्रकरण के दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी। विद्यार्थियों को किताबी शिक्षा के अलावा अब रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए भी शिक्षा दी जाएगी। झारखण्ड की मै बेटी बहू हूं, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में झारखण्ड नहीं पिछड़े इसका हर संभव प्रयास करूंगी। केंद्र में मंत्री होने के नाते मैं झारखण्ड सरकार से सहयोग की अपेक्षा करूंगी। जिसमें रोजगार परख शिक्षा के होने से झारखण्ड का विकास संभव हो पाएगा। समावेशी शिक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो इसका प्रयास करूंगी। मॉडल शिक्षा का प्रारूप तैयार की जा रही है। साथ ही डाढा पथ निर्माण में किए जा रहे संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि समाधान की हर कोशिश करू। हालांकि राज्य में हमारी सरकार नही हैं इसलिए थोड़ी परेशानी आ रही है। संबंधित मंत्री और पदाधिकारी से मिलकर इस सड़क की समस्या को दूर करेंगे। सड़क आरइयो से पीडब्ल्यूडी में कनवर्ट करने का निर्णय कैबिनेट से ही होता हैं। मुख्यमंत्री इस क्षेत्र के लिए भेदभाव कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर सड़क की समस्या का समाधान करने की कोशिश करूंगी। मौके पर विधायक अमित कुमार यादव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बटेश्वर प्रसाद मेहता, जिला अध्यक्ष अशोक यादव, पूर्वी व पश्चिमी मंडल अध्यक्ष जयनंदन मेहता सुभाष सोनी, सांसद प्रतिनिधि सुनील मेहता, विधायक प्रतिनिधि सच्चिदानंद अग्रवाल, पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष गौतम नारायण सिंह, रंजीत मेहता, भागवत मेहता, आर के मेहता, सुमित मेहता, निरंजन मेहता, सुरेश केसरी, हरीश श्रीवास्तव, ज्योत्स्ना देवी, कुमकुम देवी, अजय सिंह, उमेश कुमार, वशिष्ट दास, शंकर सोनी, ज्ञानी साव बबीता देवी, नंदू मेहता, ओमप्रकाश मेहता, मुनेंद्र मेहता, रमेश हेंब्रोम,अनिल कुमार मेहता समेत कई लोग मौजूद थे।
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