मनरेगा में अधिकारियों द्वारा गड़बड़झाला

 झारखंड के सरकारी खजाने में अधिकारियों ने की सेंधमारी, जानें पूरा मामला


रांची 

झारखंड में मनरेगा योजना के नाम पर सरकारी राशि निकाल ली गई है. इस गड़बड़झाला का खुलासा तब हुआ जब ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा सोशल ऑडिट हुआ. इस ऑडिट में पता चला कि योजना को धरातल पर उतारे बिना ही राशि की निकासी कर ली गई है. ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा किए गए सोशल ऑडिट में करीब 51 करोड़ रुपये की लूट का खुलासा हुआ है. सबसे ज्यादा गढ़वा-पलामू में राशि लूट की बात सामने आई है. विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने राशि की रिकवरी और संबंधित अधिकारियों पर करवाई की बात कही है.


झारखंड में फिर से एकबार फिर योजना के नाम पर गड़बड़झाला प्रकाश में आया है. मनरेगा योजना के नाम पर राशि की लूट का खुलासा ग्रामीण विकास विभाग के सोशल ऑडिट में हुआ है. तालाब से लेकर डोभा और TCB से लेकर सड़क निर्माण के नाम पर राज्य भर में इस लूट को अंजाम दिया गया है. धरातल पर बगैर योजना को साकार किए अधिकारियों ने करीब 51 करोड़ की राशि का बंदरबांट कर लिया. सबसे ज्यादा गढ़वा और पलामू जिले में मनरेगा योजना के नाम पर सरकारी राशि की लूट हुई है. दरअसल राज्य में नई सरकार के गठन के कुछ दिन बाद ही विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने सोशल ऑडिट का आदेश दिया था. सोशल ऑडिट में जिस बात की आशंका थी, वह सही साबित हुई.


सबसे ज्यादा पलामू जिले में 6 करोड़ 37 लाख रुपये निकाले गए


गढ़वा जिले में 5 करोड़ 93 लाख रुपये की निकासी हुई


रामगढ़ जिले में 4 करोड़ 93 लाख रुपये इधर से उधर हुए


गिरिडीह जिले में 4 करोड़ 3 लाख रुपये का गड़बड़झाला


पश्चिमी सिंहभूम जिले में 3 करोड़ 14 लाख रुपये निकाले


धनबाद जिले में 2 करोड़ 88 लाख रुपये की निकासी


गोड्डा जिले में 2 करोड़ 88 लाख का रुपये निकाल लिए


साहेबगंज जिले में 2 करोड़ 87 लाख रुपये निकाले


हजारीबाग जिले में 2 करोड़ 42 लाख रुपये का गड़बड़झाला


दुमका जिले में 2 करोड़ 36 लाख रुपये की निकासी


रांची जिले में 2 करोड़ 17 लाख रुपये का घोटाला


जामताड़ा जिले में 1 करोड़ 4 लाख रुपये निकाल गए


बोकारो जिले में 1 करोड़ 28 लाख रुपये की निकासी


पाकुड़ जिले में 1 करोड़ 66 लाख रुपये खप गए


चतरा जिले में 1 करोड़ 46 लाख का गड़बड़झाला


मनरेगा को ग्रामीण व्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. सरकार की योजना के साथ-साथ ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने में मनरेगा का कोई जोड़ नहीं. मानव दिवस सृजन में भी झारखंड ने नया रिकॉर्ड बनाया है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मनरेगा योजना के नाम पर जो हुआ इसकी परिकल्पना किसी ने नहीं की थी. बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने इस लूट के बाद जांच और जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर करवाई की मांग की है. ऐसा इस लिए भी कि ये पैसा जनता के हिस्से का है और इसकी लूट की छूट किसी भी कीमत पर नहीं दी जा सकती है.


मनरेगा के नाम हुई लूट की रिकवरी का आदेश दिया गया है. राशि की रिकवरी की रफ्तार बेहद ही धीमी है और योजना के नाम पर राशि के बंदरबांट का दायरा जांच के बाद बढ़ता ही जा रहा है. अब इंतजार विभाग के द्वारा दोषी अधिकारियों पर कानूनी करवाई का रहेगा. क्योंकि जबतक करवाई नहीं होगी तब तक योजना के नाम पर गड़बड़झाले का खेल चलता ही रहेगा.

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