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16 माह से चक्कर लगा रही विधवा को नही मिला पति का मृत्यु प्रमाण पत्र
मुखिया और वार्ड सदस्य फार्म पर नहीं करते हस्ताक्षर
इचाक,
अभिषेक कुमार ।
एक ओर जहां सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों की समस्याओं को निपटाने हेतु झारखंड सरकार का विशेष निर्देश जारी है वहीं दूसरी ओर इचाक प्रखंड में ऐसे योजनाओं को धत्ता तो बताया ही जा रहा साथ ही पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी अपने जिम्मेवारी पर मुखर नही है। एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहां डुमरोंन गांव निवासी रानी देवी अपने मृत पति स्व बबलू कुमार मेहता (उम्र 24 वर्ष) का मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पंचायत सचिवालय से लेकर प्रखण्ड कार्यालय का चक्कर लगा कर 16 माह से थक चुकी है। विधवा महिला अपनी 18 माह की दुधमुंही बेटी सिया को लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक और पंचायत सचिवालय आते जाते हैरान परेशान हो चुकी है। अब वह कहती है कि पति तो दुनिया में नहीं रहे, उनके जाने के बाद अब मेरा अपना कोई नहीं है। क्योंकि मृतक पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में उसे किसी का साथ नहीं मिल रहा है। प्रमाण पत्र के लिए सभी नियमों का पालन कर मैं दौड़ रही लेकिन मेरा फरियाद ना ही कोई पदाधिकारी सुन रहे और ना ही जनप्रतिनिधि। यही कारण है कि 16 महीने बीतने के बाद भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। जिस कारण रानी को विधवा पेंशन, आपदा प्रबंधन के तहत मिलने वाला मुआवजा और एलआईसी की बीमा राशि नहीं मिल पा रही है। बता दें कि रानी देवी के पति बबलू मेहता की मौत 27 जून 2021 को डुमरौन क्षेत्र के खैरा टाड़ में जानवर चराने के दौरान वज्रपात के चपेट में आने से हो गई थी। घटना में तीन-चार अन्य चरवाहे घायल हुए थे। तब से अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण महिला के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रानी देवी ने कहा कि अक्तूंबर माह के अंदर प्रमाण पत्र नहीं बना तो मैं आत्महत्या को विवश हो जाऊंगी। उसने बताया कि वार्ड सदस्य और मुखिया मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे है। जिस कारण प्रखंड कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र 16 माह बाद भी नहीं मिल सका है।
क्या कहते हैं मुखिया
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डुमरौन के मुखिया चोहन महतो ने कहा कि मुखिया बने हुए मुझे कुछ ही माह हुए हैं। रानी के ससुर रघु महतो और उसकी पत्नी का व्यवहार दूसरे प्रवृत्ति का है। बीमा तथा आपदा प्रबंधन से मिलने वाले राशि बहू के खाते में न जाए इसीलिए प्रमाण पत्र के फोरम पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। साथ ही हस्ताक्षर करने का प्रयास किया तो वे लोग अभद्र व्यवहार पर पर उतर आते हैं। जिसके कारण हस्ताक्षर नहीं किया हूं। मामले को लेकर कई बार पंचायत भी हो चुकी है लेकिन उसका ससुर रघु महतो पंचों के फैसले को महत्व नहीं देता है। अगर वार्ड सदस्य फार्म में हस्ताक्षर कर देगा तो मैं भी करूंगा।
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